फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ का रिव्यू

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dil-dhadakne-doप्रमुख कलाकार: अनिल कपूर, शेफाली शाह, प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, अनुष्का शर्मा।
निर्देशक: जोया अख्तर
संगीतकार निर्देशक: शंकर-एहसान-लॉय।
स्टार: 3.7

 

फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ फिल्म की कहानी शुरू होती है प्लूटो से प्लूटो ही हमें सभी किरदारों मिलाता है। प्लूटो ही उनके बीच के रिश्तों की गर्माहट और तनाव की जानकारी देता है। आएशा के दोस्ते सन्नी गिल ने ही कभी प्लूटो को गिफ्ट किया था, जो उनके प्यार की निशानी के साथ ही परिवार का सदस्य बन चुका है।
कमल और नीलम की शादी के 30 साल हो गए हैं। कमल मेहरा बाजार में गिर रही अपनी साख को बचाने और जोड़-तोड़ के लिए सभी मित्रों को क्रूज ट्रिप के लिए आमंत्रित करते हैं। इस समुद्र यात्रा में वे तुर्की, स्पेन, ट्यूनिशिया और इटली के बंदरगाहों से गुजरते हैं। सिनेमा का एक उद्देश्य दर्शकों को मनोरंजन के साथ पर्यटन देना भी है। जोया अख्तर इसमें कुशल हो रही हैं। उन्होंने बहुत खूबसूरती से सारे देशों के शहरों को कहानी में पिरोया है। कलाकारों में अनिल कपूर का काम उल्लेखनीय है। उन्होंने कमल मेहरा के भावनात्मक झंझावातों को सही मात्रा में पेश किया है। शेफाली शाह ने उनका भरपूर साथ दिया है। उनके एकाकी इमोशनल दृश्या झकझोरते हैं। इस फिल्म में रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा को पर्याप्त दृश्य और प्रसंग मिले हैं। उन्होंने नाटकीय और इमोशनल दृश्यों के साथ हंसी-मजाक के दृश्यों में भी प्रभावित किया है। प्रियंका चोपड़ा सक्षम अभिनेत्री होने का सबूत दे रही हैं। रणवीर सिंह को मामूली मसखरा न समझें। जरूरत पड़ने पर वे संयम और नियंत्रण से काम लेते हैं। फरहान अख्तर और अनुष्का शर्मा सहयोगी किरदार के तौर पर हैं। अपने चंद दृश्योंऔ में वे जरूरी भूमिकाएं निभा ले जाते हैं। फिल्म का सामूहिक गीत पूरी मस्ती और मनोरंजन देता है। इसमें सभी कलाकारों का बेफिक्र नृत्य मोहक और बंधनरहित है। रणवीर सिंह और अनुष्का शर्मा के बीच के रोमांटिक गानों में रोमांस कम है।