कर्नाटक चुनाव के बाद मायावती का कद बढ़ा

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बसपा कर्नाटक में एक सीट जीत कर राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को बचाने में कामयाब

सपा ने जद-एस के साथ गठबंधन कर 18 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। इनमें महेश समेत 11 उम्मीदवार दलित समुदाय से थे। पार्टी ने राज्य में पिछली बार 1994 के चुनाव में बिदर सीट जीती थी।

राय तपन भारती/ नई दिल्ली
हाल ही आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट से बसपा सुप्रीमो मायावती का कद बढ़ा है जेडीएस के साथ मिलकर 19 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बसपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई है। UP में खराब राजनीतिक दौर से गुजर रही बसपा के लिए दक्षिण के राज्य कर्नाटक से यह अच्छी खबर है।
साथ ही वोट प्रतिशत के मामले में 0.3 फ़ीसदी वोट (108592 मतों) के साथ बसपा पांचवें स्थान पर रही। इस संजीवनी के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा गठबंधन का लिटमस टेस्ट है। हालांकि, गठबंधन तो तय है, लेकिन कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव परिणाम से सीट बंटवारे की रूपरेखा भी तय होगी।
 
बता दें, बसपा की कर्नाटक यूनिट के अध्यक्ष एन महेश ने राज्य की कोल्लेगला विधानसभा सीट पर सफलता हासिल की है। दलित बाहुल्य यह सीट आरक्षित है। इस सीट पर बसपा को 71,792 वोट मिले हैं। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के एआर कृष्णामूर्ति को 52338 वोट मिले। इस सीट पर बीजेपी को 39,690 वोट मिले।
 
दरअसल, बसपा के साथ ही यूपी की प्रमुख पार्टी समाजवादी पार्टी ने भी कर्नाटक चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। लेकिन पार्टी को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। लिहाजा सपा का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की हसरतों को झटका लगा है। वहीं, बसपा इस जीत से अपने राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को बचाने में कामयाब रही है।

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