निजी कुरियर हैं फिर भी अमेरिकी डाक व्यवस्था पहली पसंद

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City carrier assistant Charlie Harried, who has worked with the U.S. Postal Service for about a year, delivers mail Wednesday on McAuley Drive. (Justin Sellers/The Vicksburg Post)

अमेरिकी यात्रा संस्मरण-8

अमेरिकी डाक व्यवस्ठा की खास बात यह है कि यहां के डाक कर्मचारी किसी के घर से भी पत्र/पैकेट ले जा सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति डाकघर जाने की स्थिति में नहीं हैं तो डाकघर से संबंधित कर्मी आकर घर से पैकेट ले जाते हैं।

रामसुंदर द्सौंधी/शैंपेन शहर, इलोनाइस राज्य, USA

अमेरिका में भारत की ही तरह जगह-जगह डाकघर बने हुए हैं। अमेरिका की सरकारी डाक व्यवस्था को भी निजी कोरियर कंपनियों से चुनौतियां मिल रही। पर आज भी अमेरिका की सरकारी डाक व्यवस्था बेहतर है।
सरकारी सरकारी डाकघरों की व्यवस्था इतनी अच्छी है कि लोग आज भी इन डाक घरों में भी जाना पसंद करते हैं। डाकघर परिसर में ही आगन्तुकों के वाहनों के पार्किंग के लिए स्थान नहीं मिटनेवाले पीले रंग के पेंट से मार्किंग किया हुआ होता है। भवन के बाहर एक डंडे पर अमेरिकी झंडा फहराता दिखता है। पूरा भवन अन्दर से वातानुकूलित होता है। भीतर प्रवेश करने पर एक तरफ काउन्टर की ओर जाने के लिए कतार बनाने का निर्देश देता हुआ साइनबोर्ड लगा होता है।
काउन्टर से कुछ पहले ही फ्लोर पर पीले रंग की लकीर लगा हुआ होता है। कतारबद्ध व्यक्ति इसके आगे तभी जाएंगे, जब काउन्टर के पीछे बैठा हुआ डाक कर्मी अपनी ओर आने का संकेत करता है। काउंटर पर जाकर डाक सामग्री/टिकट क्रय कर दूसरी तरफ जाकर पहले से लगे हुए टेबुल पर लिफाफे पर पता या पत्र लिख सकते हैं। काउंटर पर एक व्यक्ति का कार्य संपन्न हो जाने पर ही डाक कर्मी थोड़ी दूर पर कतारबद्ध प्रतीक्षारत अन्य व्यक्ति को काउंटर पर आने का संकेत करते हैं। डाक कर्मियों का व्यवहार शिष्टतापूर्ण होता है। कुछ ऐसे उपकरण भी लगे होते हैं, जिसके द्वारा कुछेक सेवाएं स्वयं संचालित कर प्राप्त की जा सकती हैं। जिस प्रकार भारत में डाकघर से स्पीड पोस्ट की बुकिंग की जाती है, उस प्रकार की बुकिंग को अमेरिकी डाक विभाग द्वारा प्रायोरिटी मेल कहते हैं।
डाकघर परिसर में ही बाहर में लेटर बाक्स लगा रहता है जिसमें साधारण डाक द्वारा भेजे जाने वाले पत्र/पैकटों को डाल दिया जाता है। इस परिसर में जाने पर एक गरिमामय सरकारी कार्यालय का एहसास होता है। लेटर बाक्स क्षेत्र के कुछेक अन्य प्रमुख स्थान/कार्यालय के समीप भी लगा रहता है।
जिस प्रकार भारत में हर डाकघर का एक पिन कोड हुआ करता है, उसी प्रकार अमेरिका में भी हर डाकघर का एक ZIP Code हुआ करता है, जिसे लिफाफे पर पता के अंत में लिखने से डाककर्मी को संबंधित डाकघर/क्षेत्र को ढूंढने में सुविधा होता है।
डाक वितरण करनेवाले कर्मी को मेल मैन कहते हैं। मेल मैन वितरण के लिए निर्धारित क्षेत्र के सभी पत्र/पैकेटों को वितरण के लिए डाक विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए एक विशेष वाहन को लेकर स्वयं ड्राइव करते हुए निकलते हैं। उनके वाहन पर USPS (United States Postal Service) लिखा हुआ रहता है। हर घर/प्रतिष्ठान के बाहर सड़क के किनारे करीब 4 फुट की उंचाई पर USPS से अनुमोदित व्यक्तिगत लेटर बाक्स लगा रहता है जिसपर US Mail अंकित रहता है।मेल मैन अपने वाहन को ड्राइव करते हुए आते हैं तो संबंधित घर के आगे वाहन को तनिक रोककर दाहिने हाथ से वाहन के चालक सीट पर बैठे हुए व्यक्तिगत लेटर बाक्स के घुंडी (Knob) को अपनी ओर खींच कर ढक्कन खोलते हैं और उस पत्र/पैकेट को लेटर बाक्स में डालकर फिर ढक्कन को बन्द करते हुए आगे बढ़ जाते हैं।जब कोई पैकेट इतना बड़ा होता है जो लेटर बाक्स में नहीं रखा जा सकता है, तभी मेल मैन वाहन से उतर कर संबंधित भवन के प्रवेश द्वार के सामने रख देते हैं।
एक विशेष बात यह है कि यहां के डाक कर्मी किसी के घर से भी पत्र/पैकेट ले जा सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति डाकघर जाने की स्थिति में नहीं हो तो वह घर से ही आनलाइन पत्र/पैकेट की बुकिंग करते हुए कार्ड से निर्धारित शुल्क का भुगतान कर देते हैं तथा इमेल से अपने क्षेत्र के डाकघर को सूचित कर देते हैं। ऐसी स्थिति में डाकघर से संबंधित कर्मी आकर घर से पैकेट लेकर चले जाते हैं।
अमेरिकी डाक सेवा को भी FedEx एवं अन्य निजी कुरियन सेवाओं से चुनौती मिल रहा है। इन कुरियर कंपनियों के शिपमेंट की दर अधिक रहते हैं।
पर उनका वितरण सुनिश्चित रहता है। इसी प्रतिस्पर्धा के फलस्वरूप आनलाइन बिक्री कर रहे एमेजॉन सहित कुछेक कंपनियों से अमेरिकी डाक विभाग ने एकरारनामा कर उनके बिक्री किए गये सामानों के पैकटों को रियायती दरों पर डाक शुल्क भुगतान की सहमति दी है, जिससे चलते कंपनियां अपने व्यापार को सफलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं और डाक विभाग की आय में वृद्धि होती है। इस प्रकार अमेरिकी डाक व्यवस्था उत्कृष्ट ढ़ंग से व्यवस्थित है।
Comments on facebook group: 
Amita Sharma: आपके लेख से हम सभी को विस्तृत जानकारियाँ मिल रही हैं। धन्यवाद।
 
पं. दीपक शर्मा: अत्यंत ही ज्ञानवर्धक पोस्ट व उम्दा जानकारी !
 
J Shankar Sharma: काश, आपका सपना सच होता.
 
M L Sharma Sharma: आपके लेख से बैठे बैठे यांहा से अमेरिका घुम रहे हैं, सभी लेख को compile कर लते आयेंगे
 
Roy Tuhin Kumar: भारत सरकार को अमेरिका की तरह अपनी डाक सेवा का सुधार और परिष्कार करनी चाहिए।स्वदेश में परमावश्यक रजिस्टरी या स्पीड पोस्ट को भी विलंब से बांटा जाता है।डाकघरों की जर्जर स्थिति रहतीं है आधार कार्डों को बांटा ही नहीं जाता है ।खुदरा पैसे टिकट पोस्टल आर्डर आदि का अभाव रहताहै और अचानक कोई घोटाला सामने आ जाता है।इसलिए भारतीय डाक विभाग से जनता का विश्वास उठ रहा है।भारत मे अनुशासन एवं सुव्यवस्था अनिवार्य हो।आपके साथ हमलोग भी संयुक्त राज्य अमेरिका का अवलोकन का रहें हैं धन्यवाद।
 
Tripurari Roy Brahmbhatta: प्रणाम अंकल, आपकी जानकारी शेयर करने का तरीका बहुत अच्छा लगा । सीरीज में हमलोगों को एक एक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद । पुनः प्रणाम ।
 
Deorath Kumar: बहुत ही विस्तार से आप लिखते हैं, और शैली ऐसी की पढ़ते समय लगता है हम भी अमरीका में हैं, लाज़वाब पोस्ट
 
Bacha Tiwari: अत्यंत ही महत्वपूर्ण पोस्ट आप किए हैं भैया।आपको एवं भाभीजी को सादर प्रणाम।
 
Raghav Kumar: आप मुझे घर बैठे अमेरिका दिखा दे रहे हैं।
 
Dharmendra Sharma: स्पष्ट एवं विस्तारपूर्वक वर्णन पढ़कर अब तो हर एक दिन इन्तज़ार रहने लगा है कि अब कौन सा नया विषय पढ़ने को मिलेगा … रोचक एवं विस्तृत जानकारियां प्रेषित करने हेतु हम सभी आपके बेहद आभारी हैं … साधुवाद है आपको !!
ग्रुप के अन्य ऐसे सदस्य जो अन्यत्र देशों में निवास कर रहे हों, उनसे भी विनम्र आग्रह है कि यदि सम्भव हो तो उन देशों से सम्बन्धित इसी प्रकार से ज्ञानवर्द्धन में अपना अमूल्य समय प्रदान कर सहयोग दें !
 
Pawan Ray: बहुत ही सुंदर और ज्ञानवर्धक
 
J Shankar Sharma: बहुत सुन्दर ग्यान वर्धक वर्णन.
 
Balmiki Sharma: चाचा जी को सादर चरण स्पर्श, भारत में बैठे अमेरिका काविस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बहुत धन्यवाद
Rakesh Sharma: प्रणाम।आपने अमेरिकी जिवनशैली की बहुत सारी बातें बैठे बैठे हमलोंगों को बताया।बहुत अच्छा लगा।बहुत अच्छी जानकारी।
 
Vivek Mishra बहुत सुन्दर ग्यान वर्धक वर्णन.
 
Santosh Bhardwaj आप बहुत ही सुंदर विवरण करते हैं। प्रणाम
 
Birendra Tiwari अति उत्तम ऐवं उपयोगी जानकारी।
 
हरिओम प्रासाद राय भट्ट: बहुत ही उपयोगी जानकारी, कास ऐसी व्यवस्था भारत में हो जाता
 
Amar Nath Sharma बहुत ही सुंदर वर्णन अमेरिकी डाक व्यवस्था।

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