मानसून सत्र में पारित हो सकता है रियल एस्‍टेट बिल

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reaरियल एस्टेट में डेवलपर्स के फर्जीवाड़े पर जल्द लगाम लग सकती है। ऐसा इसलिए है कि आगामी 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में रियल एस्‍टेट डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन बिल को सरकार पेश करने की तैयारी में है। जिसे हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूर किया है। अगर मानसून सत्र में रियल एस्टेट बिल पारित हो जाता है, तो इसका सबसे बड़ा फायदा घर खरीदने वाले कस्टमर को मिलेगा। नए कानून से न केवल उनके अधिकार बढ़ जाएंगे, बल्कि धोखाधड़ी करने पर रियल एस्टेट कंपनियों पर भी शिकंजा कसा जा सकेगा
बिल की सबसे अहम बात यह है कि कस्टमर को सुपर एरिया और कॉमन एरिया के कनफ्यूजन से मुक्ति मिल जाएगी। घर की कीमत कारपेट के आधार पर तय होगी। अभी डेवलपर सुपर एरिया और कारपेट एरिया के नाम पर बड़े स्तर मोटी कमाई करते हैं। इसके साथ नए कानून में केंद्र में एक सेंट्रल रेग्युलेटर होगा। जो कि हर राज्य में स्थित रेग्युलेटर के जरिए काम करेगा।
प्रोजेक्‍ट का स्‍ट्रक्‍चर बदलने के लिए डेवलपर को 66 फीसदी खरीददारों की सहमति लेनी होगी। यानी, जब तक कुल खरीददारों में से दो तिहाई खरीददार स्ट्रक्चर बदलने की अनुमति नहीं देंगे, तब तक उसमें कोई बदलाव नहीं होगा।अगर, डेवलपर कंस्‍ट्रक्‍शन में गलती करता हैं तो सुधारने की जिम्‍मेदारी उसकी होगी।
प्रॉपर्टी ब्रोकरों को भी इस बिल के अंतर्गत पंजीकरण करना होगा। बिना पंजीकरण कराए ब्रोकर प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री का काम नहीं कर पाएंगे।