बीबीएयू: गर्ल स्टूडेंट्स से नहीं ली जाएगी ट्यूशन फीस

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bbauबाबासाहेब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में अब गर्ल स्टूडेंट्स से ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी। सोमवार को दिल्ली में हुई यूनिवर्सिटी की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। इसके तहत अभिभावक की वार्षिक आय पांच लाख तक होने पर कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी। बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट के नेट को अनिवार्य किए जाने के फैसले को यूजीसी की गाइडलाइन के बाद ही लागू करने की बात कही। साथ ही दो शिक्षकों के प्रमोशन रिजेक्ट कर दिए।

बैठक में गर्ल स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसे पहले अकैडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी थी। प्रस्ताव के तहत यूनिवर्सिटी में ऐडमिशन लेने वाली गर्ल स्टूडेंट्स के अभिभावकों की सालाना आय 5 लाख तक होगी तो ट्यूशन फीस नहीं ली जाएगी। सदस्यों ने इसे परिवार की एक ही गर्ल चाइल्ड पर लागू किए जाने पर सहमति दी। इसे नए सत्र से लागू किया जाएगा। इसके तहत गर्ल चाइल्ड को अन्य मदों में फीस देनी होगी, जो कि बहुत सामान्य है।

नेट अभी जरूरी नहीं

बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने सुप्रीम कोर्ट के उच्च शिक्षण संस्थानो में नियुक्ति के लिए नेट को अनिवार्य अहर्ता बनाने के 16 मार्च के आदेश को लागू करने के प्रस्ताव को टाल दिया। सदस्यों ने तर्क दिया कि अभी इस मामले में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन की नई नीति न जारी होने की बात कही। इसलिए नई नीति न आने तक पुरानी नीति को ही लागू करने की बात पर सहमति दी।

दो शिक्षकों के प्रमोशन रिजेक्ट

बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के दो असोसिएट प्रफेसर्स डॉ. गोविंद पांडेय और डॉ. गोपाल सिंह के करियर अडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रफेसर पद पर प्रमोशन को रिजेक्ट कर दिया। यह शिक्षक एपीआई के निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते थे। बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट ने अप्लाइड ऐनिमल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. कमल जायसवाल को प्रफेसर पद पर प्रमोशन के साथ ही 31 और शिक्षकों के प्रमोशन पर मोहर लगा दी।