नियमों में बदलाव, नियोक्ता से मिले भत्तों पर आयकर में छूट मिलेगी

0
666

नियमों में संशोधन के बाद करदाता यात्रा या स्थानांतरण के मामले में ट्रैवल खर्च के लिये मिले भत्ते, यात्रा की अवधि के दौरान दिये गए किसी दूसरे भत्ते और सामान्य कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में कर्मचारी को दिये जाने वाले दैनिक खर्च के भत्ते पर आयकर में छूट का दावा कर सकता, अगर नियोक्ता आने-जाने की सुविधा नि:शुल्क प्रदान नहीं कर रहा है, तो कर्मचारी को काम पर आने-जाने के लिये दिए जाने वाले खर्च के भत्ते पर भी कर में छूट का दावा किया जा सकता है

बिजनेस संवाददाता/नई दिल्ली
अगर आप कम दरों वाली नई आयकर व्यवस्था को अपनाने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने नियोक्ता से प्राप्त भत्तों पर भी आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नियमों में संशोधन को लेकर एक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके अनुसार नई कर व्यवस्था का चयन कर रहे लोग भत्तों पर भी आयकर छूट का दावा कर सकते हैं। करदाता आधिकारिक प्रयोजनों के लिए हुए खर्च, आधिकारिक उद्देश्य के लिए यात्रा खर्च आदि के भत्तों पर छूट का दावा कर सकते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से किए गए नियमों में संशोधन के बाद करदाता यात्रा या स्थानांतरण के मामले में ट्रैवल खर्च के लिये मिले भत्ते, यात्रा की अवधि के दौरान दिये गए किसी दूसरे भत्ते और सामान्य कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में कर्मचारी को दिये जाने वाले दैनिक खर्च के भत्ते पर आयकर में छूट का दावा कर सकता है। इसके अलावा अगर नियोक्ता आने-जाने की सुविधा नि:शुल्क प्रदान नहीं कर रहा है, तो कर्मचारी को रोजाना काम पर आने-जाने के लिये दिए जाने वाले खर्च के भत्ते पर भी आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है।
इसके साथ ही सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुलाभ के मूल्य को तय करते समय नियोक्ता की तरफ से दिये गए वाउचर (पेड) के जरिये मुफ्त भोजन और नॉल अल्कोहलिक ड्रिंक के मामले में आयकर से छूट का दावा नहीं किया जा सकेगा। वहीं, मूक, बधिर, नेत्रहीन, व हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में आयकर छूट का दावा कर सकते हैं।
नए इनकम टैक्स स्लैब में दरों को कम किया हुआ है। नया स्लैब उन लोगों के लिये है, जो कुछ निर्दिष्ट कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं। इस स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख तक की सालाना आय करमुक्त रखी गई है। व्यक्ति की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है, तो उसे पांच फीसद की दर से आयकर का भुगतान करना होगा।
अगर सालाना आय 5 लाख से 7.5 लाख रुपये के बीच है, तो 10 फीसद कर देना होगा। वहीं, सालाना आय 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच है, तो 15 फीसद कर देना होगा। किसी व्यक्ति की सालाना आय 10 लाख से 12.5 लाख रुपये है, तो उसे 20 फीसद कर देना होगा। इसके अलावा सालाना आय 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच होने पर 25 फीसद कर का प्रावधान है। वहीं, अगर व्यक्ति की सालाना आय 15 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे 30 फीसद कर देना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here