पाकिस्तान को 8 F-16 जेट बेचेगा अमेरिका

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भारत के कड़े एतराज के बावजूद बराक ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन ने पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट बेचने की डील को मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस गवर्नमेंट ने शनिवार को एक फॉर्मल फेडरल नोटिफिकेशन पब्लिश की थी। जिसमें पाकिस्तान को न्यूक्लियर वेपन ले जाने में कैपेबल 8 फाइटर जेट्स बेचने की इजाजत देने की जानकारी दी गई है। इसके बाद अब यह माना जा रहा है कि यूएस ने इस डील को फाइनल कर दिया है।

ओबामा सरकार ने डील को साउथ एशिया में अपनी पॉलिसी व नेशनल सिक्युरिटी का हवाला देते हुए स्ट्रैटेजिक पार्टनर के सिक्युरिटी मेजर्स के लिए जरूरी बताया है।70 करोड़ डॉलर की इस डील के तहत पाकिस्तान को लॉकहीड मार्टिन ग्रुप के इन प्लेन के अलावा रडार और बाकी इक्विपमेंट्स भी मिलेंगे।इससे पहले, रिपब्लिकन सीनेटर रैंड पॉल ने पाकिस्तान को भरोसेमंद न बताते हुए उसे फाइटर्स बेचने पर रोक लगाने की नए सिरे से मांग की थी।

उन्होंने कहा था, “अमेरिका भले ही पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर मुहैया कराए, लेकिन उसकी इंटेलिजेंस एजेंसी आतंकियों की ही मदद करती है।सीनेटर पॉल कुछ वक्त पहले अपनी पार्टी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति कैंडिडेट की रेस में शामिल थे।पॉल ने ही पाकिस्तान को F-16 की बिक्री को रोकने की मांग वाला ज्वाइंट रेजोल्यूशन सीनेट में पेश किया था।खास बात ये है कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की फॉरेन रिलेशन पर बनी कमेटी ने भी ओबामा सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे।

पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते हमेशा से परेशानियों वाले रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ जंग में सहयोगी मानती है। लेकिन पाकिस्तान के बर्ताव से कुछ और ही मतलब निकलता है।हम उन्हें करोड़ों डॉलर की मदद दे चुके हैं, लेकिन पाकिस्तानी आर्मी और इंटेलिजेंस हमेशा तालिबान और आतंकियों की मदद करती आई हैं। पाकिस्तान का दोहरा रवैया है। दूसरे अमेरिकी सांसद भी पाकिस्तान पर सवाल उठाते रहे हैं।

12 फरवरी को अमेरिकी डिफेंस हेडक्वार्टर्स पेंटागन ने पाकिस्तान को एफ-16 बेचने की डील फाइनल की। इसे पार्लियामेंट में नोटिफाई भी करा दिया। ये प्लेन हर तरह के मौसम में हमला कर सकते हैं।ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के इस फैसले के बाद भारत ने दिल्ली में मौजूद अमेरिकी एम्बेसडर को तलब किया था।तब भारत ने उनसे कहा था, “पाकिस्तान का रिकॉर्ड बताता है कि वह हथियार बेचे जाने लायक देश नहीं है। हम ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के फैसले से निराश हैं।