इटली से अच्छी खबर: कोरोना केस में आई कमी, डाक्टरों का इलाज हो रहा कामयाब

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सबसे अधिक प्रभावित लोम्बार्डी शहर में भी इस महामारी से ग्रस्त काम ही मरीज सामने आए

इटली के सबसे अधिक प्रभावित शहर लोम्बार्डी शहर में भी इस महामारी से ग्रस्त मरीज कम सामने आए

रोम: इटली कोरोना वायरस संकट से उबर हो रहा है। इस महामारी का प्रभाव अब कम होता नजर आ रहा है। हालांकि यहां शुक्रवार को भी 766 लोगों की मौत हुई है, लेकिन ये दुनिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए राहत वाली बड़ी खबर है। इटली में फिलहाल जानलेवा महामारी से मरने वालों की संख्या 14,000 से अधिक हो चुकी है।
सिविल प्रोटेक्शन सर्विस की ओर से कल जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रभाव अब घटकर 4 फीसदी पर आ गया है। यहां पर ठीक होने वालों की संख्या में 17.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले 48 घंटे में यहां 19,758 लोग पूरी तरह से ठीक हुए हैं।

इटली के सबसे अधिक प्रभावित शहर लोम्बार्डी शहर में भी इस महामारी से ग्रस्त मरीज कम सामने आए। चीफ मेडिकल अफसर के मुताबिक इटली के हमारे अस्पतालों ने सांस लेना शुरू कर दिया है और हालात हर रोज तेजी से सुधर रहे हैं। 

इटली में जब यह महामारी अपने शुरुआती दौर में थी, तभी से फेडरिका अपने हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम में कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज कर रही हैं। फिलहाल घर पर क्वारैंटाइन पीरियड बीता रही हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमितों के बीच रहते-रहते सभी सावधानियां बरतने के बावजूद वे भी संक्रमित हो गईं।

वे बीते कुछ दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि, “शुरुआत में इटली के लोडी और कोडोग्नो शहर इस महामारी की चपेट में आए थे। इन शहरों के हालात से हम बहुत कुछ सीख चुके थे। हमें यह पता था कि यह जल्द ही हमारी ओर भी रूख करेगा और फिर ठीक एक सुनामी की तरह इसकी पहली लहर हम तक पहुंच गई।”

पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस महामारी से कम प्रभावित

33 साल के प्लास्टिक सर्जन एंड्रिया बताते हैं, “मुझे मरीजों का डेटा इकट्ठा करने और स्टडी करने का काम मिला। और अब जब मैं यह कर रहा हूं तो कई सवाल सामने आए हैं। जैसे- यह पता नहीं चल पा रहा है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं और बच्चे इस महामारी से कम प्रभावित कैसे हैं? पुरुषों के मामले में यह वायरस इतना तेजी से प्रभावित करता है कि कुछ ही दिनों में शख्स की मौत हो जाती है।”

मिकोल (35) दो बच्चों की मां हैं और फिलहाल प्रेग्नेंट हैं। वे कहती हैं कि “हॉस्पिटल में रेग्युलर चेक-अप बंद हैं। हॉस्पिटल में घुसने से पहले आपको एक डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करना होता है कि आप पिछले 15 दिनों से किसी कोरोनावायरस संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं। जब आप बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं तो सिर्फ पति ही आपके साथ हॉस्पिटल आ सकते, वो भी तब जब वह पूरी तरह ठीक हों।
वे कहती हैं, अगर आपको थोड़ी भी सर्दी-खासी हो तो आपको प्रसव के दौरान ही हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा। लेकिन अगर आपको सांस लेने में भी थोड़ी समस्या आ रही और कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहेतो ऐसी महिलाओं को अलग वार्ड में भेजा जाता है। हाल ही के दिनों में कोरोना संक्रमित कई महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। किस्मत से वे सभी स्वस्थ हैं।”
इटली में 12 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन फिलहाल 13 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। बता दें कि इस महामारी की वजह से दुनिया में अब तक 59,200 से अधिक लोगों की जान गई है और सवा 10 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं।

अमेरिका ने अब मेडिकल उपकरणों के निर्यात को रोका

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेडिकल उपकरणों के निर्यात को रोकने के लिए अमेरिका रक्षा उत्पादन अधिनियम लागू कर दिया है। कोरोना वायरस टास्कफोर्स प्रेस ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस से बोलते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह कोरोना वायरस उपचार में इस्तेमाल होने वाले N95 मास्क, सर्जिकल मास्क, दस्ताने और अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के निर्यात को रोकने के लिए रक्षा उत्पादन अधिनियम लागू कर रहा हूं।

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