लॉकडाउन में यह भी हुआ: संजीव शर्मा की फर्म से सैकड़ों लोगों ने कराया बीमा

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20 मार्च 2020 से लेकर अब तक न संजीव शर्मा खाली बैठे और न ही उनकी Mass Insurance फर्म के स्टाफ खाली बैठे। संजीव शर्मा और उनके स्टाफ बीमा पॉलिसी की खूबियाँ बताने, बीमा कवरेज देने का काम घर से ही करते रहे हैं। इस काल खंड में जिनके भी बीमा हुए सबने दुआएं ही दी होंगी उनको। इसमें कोई दो राय नहीं कि एनसीआर के बीमा सेल्स सेक्टर में संजीव शर्मा की 25 साल से एक अलग पहचान है।

खबर-इंडिया के संपादक राय तपन भारती ने बीमा एडवाइजर संजीव शर्मा से बात की    

बीमा एडवाइजर संजीव शर्मा

पूरी दुनिया में फैल चुके कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन में बहुत सारे कारोबार ठप्प हो गए पर एनसीआर के मशहूर बीमा एडवाइजर संजीव शर्मा का दावा है कि इस लॉकडाउन में भी उन्होंने ग्राहकों को जनरल और जीवन बीमा कवर दिया। 20 मार्च से लेकर अब तक न संजीव शर्मा खाली बैठे और न ही उनकी Mass Insurance फर्म के स्टाफ को फुर्सत मिली। संजीव शर्मा और उनके 15 स्टाफ घर से ही बीमा पॉलिसी की खूबियाँ बताने और बीमा कवरेज देने का काम कर रहे हैं।

इस काल खंड में जिनके भी बीमा हुए सबने संजीव शर्मा को दुआएं ही दी होंगी। इसमें कोई दो राय नहीं कि एनसीआर के बीमा सेल्स सेक्टर में संजीव शर्मा की 25 साल से एक अलग पहचान है। बीमा का काम उन्हें विरासत में मिला है क्योंकि उनके पिता आर के शर्मा जी ओरियंटल इंस्योरेंस कंपनी में डिवीज़नल मैनेजर पद से रिटायर हुए।

सनद रहे कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर रखा है। रोजाना मिल रहे हजारों संक्रमित लोगों को देखते हुए बीमा कंपनियों ने बीमारी को कवर करने के लिए बीमा पॉलिसी भी निकाली है। इन्हें 156 से 9,481 रुपये के बीच रखा गया है। बीमाधारक को कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही एकमुश्त राशि कंपनियां दे देती हैं।

खबर-इंडिया: भारत जैसे देश में बीमा के लिए लोगों को तैयार करना कितना कठिन कार्य माना जाता है, ऐसे में आप लोगों को बीमा कवर देने में कैसे सफल होते हैं?     

संजीव शर्मा: एक बीमा एडवायजर के रूप में आसानी से आपका उपलब्ध हो जाना एक बड़ा प्लस पॉइंट है। यदि आप सबसे ज़रूरी बुनियादी सवालों (ईमेल या कॉल) का जवाब नहीं देते हैं, तो एक संभावित ग्राहक को क्यों आपकी सर्विस पर भरोसा करना चाहिए? वे उस एडवायजर के पास जाएंगे जो उन्हें और उनके सवालों का गंभीरता एवं ईमादारी से जवाब दें। तो ऐसे एडवायजर बनें, जिनके स्वभाव मददगार हो, जो अपने पेशे के प्रति उत्तरदायी हों और आसानी से उपलब्ध भी हों, खासकर जब ग्राहकों को अपने बीमा क्लेम दर्ज लेने की ज़रूरत होती है, अर्थात जब उन्हें आपकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है!

खबर-इंडिया: जो लोग बीमा के बारे में नहीं जानते उन्हें आप बीमा के लिए कैसे तैयार कर पाते हैं?  

संजीव शर्मा: कभी-कभी आप ऐसे लोगों के सामने आएंगे जो केवल बीमा पॉलिसियों के विषय में नहीं जानते हैं या वे उनसे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं इसके बारे में उनका ज्ञान न के बराबर है। उन्हें किसी भी प्रकार की पॉलिसी को खरीदने के लिए राजी करना बहुत आसान हो सकता है, यहाँ तक कि वो उनके लिए जरूरी भी नहीं है। ऐसा करने से बचें और इसके बजाय, उनके दोस्त बनें। ग्राहक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें न कि अपने कमीशन को। उनकी जीवन शैली को समझने के लिए समय निकालें और फिर उनके लिए सही पॉलिसीके साथ उनका मिलान करें। आपको एक सही काम को करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है। अच्छे संबंध बनाए रखने से आपके व्यवसाय के लिए बहुत सारे नये ग्राहक मिलते रहते हैं। इसके साथ ही, जब आप एक ग्राहक को बीमा बेचते हैं, तो वे जीवनभर के लिए आपका संभावित ग्राहक होता हैं– विशेषकर जीवन बीमा पॉलिसियों के मामले में। इन्हीं वजहों से लॉकडाउन में भी बीमा का हमारा कारोबार चलता रहा।

खबर-इंडिया: क्या वाकई बीमा से परिवार में आर्थिक मजबूती आती है? 

संजीव शर्मा: बीमा सेक्टर मुझे इसलिए अच्छा लगता है कि इसके जरिये आमदनी का स्रोत पैदा करने के साथ ही जिंदगी में लोगों के कठिन समय में हमे उनके साथ खड़े होते हैं और उनको हम सपोर्ट करते हैं। पीड़ित और दावेदार परिवार को जब कठिन घड़ी में आर्थिक सपोर्ट मिलता है तो हमे बहुत खुशी मिलती है। यहाँ यह कहावत एकदम सही बैठता है कि एक पंथ, दो काज।

खबर-इंडिया: कोरोनावायरस महामारी का आतंक फैलने के बाद बीमा सेक्टर पर इसका क्या असर पड़ा? 

संजीव शर्मा: आज के खतरनाक माहौल में हेल्थ बीमा का बहुत महत्व है और यह हर परिवार के लिए बहुत ही जरूरी है। पर दुर्भाग्यवश हमारे देश में हेल्थ बीमा को लेकर अमेरिका और यूरोप जैसी जागरूकता नहीं है। जिस तरह से हमारे प्रधानमंत्री ने हर गरीब परिवार का बैंक खाता खुलवा दिया और उसके बाद उसके खाते में सरकार की आर्थिक मदद पहुँचने लगी। इसी तरह अब सरकार को चाहिए कि आम और गरीब लोग भी हेल्थ बीमा करा सकें उसके लिए कोई अच्छी स्कीम लेकर आए इससे देश की बहुत बड़ी आबादी को हेल्थ बीमा मिलने से उनका अच्छा इलाज अच्छे अस्पतालों में हो सके। जाहिर है कि इस प्रयास से देश में डेथ रेट भी कम हो जाएगा। हमे भरोसा है कि कोरोना वायरस के कारण जिस तरह से सरकार का साथ लोगों में हेल्थ के प्रति जागरूकता आई उससे निचला तबका भी हेल्थ बीमा सरकार की नीतियों के सहयोग के कारण लेना पसंद करेगा।

खबर-इंडिया: आरडीए भी कहता है कि शहरी लोगों की तरह ग्रामीणों में बीमा के प्रति चेतना नहीं है? इसकी वजह क्या है?  

संजीव शर्मा: भगवान की कृपा से बीमा का हमारा काम फोन और इन्टरनेट से भी चल जाता है। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने पर हमने अपने हर स्टाफ के घर में ही ऑफिस सेटअप कर दिया इस वजह से हमारा काम चलता रहाऔर हम कभी खाली नहीं बैठे। यह सही है कि लॉकडाउन में सरकारी बीमा कंपनी- भारतीय जीवन निगम के बजाय अन्य  निजी बीमा कंपनियों का बीमा लोगों ने इसलिए लिया कि उन्हें इन निजी कंपनियों का बीमा पैकेज पसंद आया। पर जनरल इंस्योरेंस में इस बार सरकारी जनरल इंस्योरेंस कंपनियों ने अच्छा काम किया। इस बार देखने को एक अच्छी बात यह थी कि इस बार ग्रामीण इलाकों से लोगों ने हेल्थ बीमा को लेकर पूछताछ की। ऐसा लग रहा है कि अब गाँव वाले भी हेल्थ बीमा लेंगे पर जरूरी है कि सरकार इसको बढ़ावा दे।

खबर-इंडिया: लॉकडाउन में अनेक कारोबार सिफर हो गए, एलआईसी और निजी बीमा कंपनियों के कारोबार पर क्या असर रहा? 

भारतीय जीवन निगाम का भी कारोबार बढ़ा
संजीव शर्मा: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को वित्त वर्ष 2019-20 में नये कारोबार के मामले में अच्छी सफलता हासिल हुई है। वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी के पहले साल का नया बीमा प्रीमियम 25.2 प्रतिशत बढ़ा है जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियों ने इस मामले में कुल मिलाकर 11.64 प्रतिशत वृद्धि हासिल की है। वित्त वर्ष में मार्च महीने का अंतिम पखवाड़ा बीमा कंपनियों के लिये कारोबार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन पिछले वित्त वर्ष में यह पखवाड़ा कोविड- 19 महामारी (COVID-19) के कारण लगाये गये लॉकडाउन (Lockdown) की भेंट चढ़ गया। इसके बावजूद LIC ने नई बीमा पॉलिसी से मिलने वाले पहले साल के प्रीमियम राशि में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। इसके साथ ही मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि लॉकडाउन में हमारी बीमा फर्म का काम घटने के बजाय बढ़ा ही है।  

खबर-इंडिया: लॉकडाउन में कुछ जगहों से बीमा कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने की भी खबर आई है, लोग धोखेबाजों से कैसे बचें?   

संजीव शर्मा: इरडा ने लोगों को इंश्योरेंस के फर्जी ऑनलाइन ऑफर से सावधान रहने के लिए कहा है फिर भी कुछ भोले भले बीमा ठगी का शिकार हो जाते हैं। कोरोना से देशभर में लॉकडाउन के कारण इंश्योरेंस खरीदने के लिए इंटरनेट कुछ लोगों का पसंदीदा जरिया बन गया है। महामारी के चलते खासतौर से लोगों की हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदने में दिलचस्पी बढ़ी है। बीमा नियामक ने इस बारे में एक विज्ञप्ति जारी कर लोगों को आगाह किया है कि कई फर्जी संस्थान डिजिटल माध्यम से बेहद कम प्रीमियम पर इंश्योरेंस पॉलिसी का लालच दे रहे हैं। ऐसे किसी झांसे में फंसने से उन्हें बचना चाहिए। उन्हें केवल उन संस्थानों या बीमा एडवाजर से ही इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए जो इरडा से पंजीकृत हैं।

Contact to Mr Sanjeev Sharma: +919811388260

 

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