लेबनान चुनाव में कट्टरपंथियों की करारी हार

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सत्तारूढ़ गठबंधन ने फिर से सरकार बनाने का दावा किया

लेबनान में सत्तारूढ़ गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल कर फिर से सरकार बनाने का दावा किया है।  भारी मतदान के बीच गठबंधन ने सीरिया और ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह गठबंधन को इस चुनाव में करारी शिकस्त दी है। 

साद गठबंधन की जीत: लेबनान में अमेरिका समर्थित 14 मार्च गठबंधन ने कट्टपंथी पार्टियों हिज़बुल्लाह गठबंधन को करारी शिकस्त दी है।  14 मार्च गठबंधन के अध्यक्ष साद हरीरी ने सोमवार को जीत का ऐलान करते हुए देश की जनता को बधाई दी और इसे लोकतंत्र की जीत बताया। 
 
नतीजों के बाद हिज़बुल्लाह समर्थित क्रिस्चियन पार्टी ने हार मान ली है. इस पार्टी का समर्थन ईरान और सिरिया दोनों कर रहे थे. लेबनान की संसद में कुल मिलाकर 128 सीट हैं जिनमे 64 मुसलमानों के लिए और 64 ईसाइयों के लिए हैं. 14 मार्च गठबंधन को 71 सीटें मिली है.
 
वोट देने वाले अहमद कहते हैं, “लेबनान के लोग बदलाव चाहते हैं, इन लोगो के सामने दो विकल्प हैं, पहला, गर्व के साथ अपने देश में जीवन जीना और दूसरा, विदेशी ताकतों पर यकीन कर अपने ही देश के खिलाफ काम करना. मुझे लगता है आधे से ज़्यादा लोग अब समझ चुके हैं की विदेशी ताकतों का समर्थन करना उनके हित में नहीं है.”
 
सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2005 में बड़ी जीत के साथ सरकार बनाई थी. साद हरीरी लेबनान के पूर्व प्रधानमंत्री रफ़ीक हरीरी के बेटे हैं. 2005 में रफीक हरीरी की एक कार बम धमाके में हत्या कर दी गई थी. रफ़ीक हरीरी की मौत के बाद सीरिया विरोधी पार्टियों ने मिलकर 14 मार्च गठबंधन का ऐलान किया था.
 
लेबनान में सत्तारूढ़ गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल कर फिर से सरकार बनाने का दावा किया है. भारी मतदान के बीच गठबंधन ने सीरिया और ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह गठबंधन को इस चुनाव में करारी शिकस्त दी है.

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