अमेरिका: कॉलोनी में तालाब बनने के बाद ही मकान बना सकते

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अमेरिका में बर्तन धोने एवं भोजन पकाने के लिए बेहतरीन उपकरण लगे होते

अमेरिका में बिजली एवं जलापूर्ति के सभी उपकरण उच्च गुणवत्ता के अनुरूप लगे होते हैं। एक उल्लेखनीय बात यह है बिजली के स्वीच को उपर उठाकर बिजली जलाना होता है जबकि नीचे गिराकर बिजली बुझाना होता है। रसोई घर में पाइपों से गैस की आपूर्ति की जाती है। बर्तन धोने एवं भोजन पकाने के लिए बेहतरीन उपकरण लगे होते हैं।

रामसुंदर द्सौंधी/शैंपेन शहर, इलोनाइस राज्य, USA

Mrs and Mr रामसुंदर द्सौंधी

आजकल मेरी दूसरी अमेरिका यात्रा जारी है। पहली यात्रा 2016 में इसी समय हुई थी। मैंने आश्वासन दिया था कि मैं अमेरिका के संस्मरण से आपको अवगत कराऊंगा। किन्हीं कारणों से यह संभव नहीं हो पाया था। उसी क्रम में मैं आज से क्रमिक रूप से जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूँ।

अमेरिका के इलोनाइस राज्य के शिकागो से करीब 150 मील दक्षिण में शैंपेन शहर है। उसी के पास सवोय नामक गांव में मैं ठहरा हुआ हूँ। यह गांव शैंपेन शहर से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां के आवासीय भवन विधिवत प्लान्ड कालोनियों की तरह निर्मित हैं। सभी आवासीय भवन जमीन के नीचे और जमीन के उपर प्लिंथ लेवल तक सीमेंट कंक्रीट के बने हुए हैं जबकि ऊपर लकड़ियों की दिवार हैं। प्रायः सभी भवनों के छत Inclined हैं एवं लकडिय़ों से ही निर्मित हैं। भवनों की दीवारों का निर्माण दो लेयर में करते हुए वातानुकूलन के दृष्टिकोण से बीच में insulation सामग्रियों से भरे रहते हैं। प्रायः आवासीय भवनों के बेसमेंट में जल निकासी के पम्प एवं अन्य उपकरणों के अतिरिक्त एक-दो कमरों के साथ-साथ शौचालय की भी व्यवस्था रहती है, जिसे अतिथि कक्ष/मनोरंजन कक्ष के रूप में उपयोग किया जाता है।
भूतल पर ड्राइंग रूम, डायनिंग रूम, रसोई घर, कार्यालय कक्ष, स्टोर रूम, अतिथि कक्ष, शौचालय के साथ-साथ बेसमेंट एवं प्रथम तल में जाने के लिए सीढियों की व्यवस्था रहती हैं। सीढियां भी लकडिय़ों के ही बने होते हैं। प्रथम तल पर 2/3/4 कमरों के अतिरिक्त दो-तीन शौचालय/स्नान गृह बने होते हैं।
प्रथम तल का फ्लोर शौचालय एवं स्नान गृह को छोड़ कर लकडिय़ों के ही बने होते हैं। प्रथम तल के शौचालय/स्नान गृह एवं भूतल के फ्लोर रसोई घर, डायनिंग स्पेस में टाइल्स के बने होते हैं, जबकि शेष भाग के फ्लोर लकडिय़ों के ही बने होते हैं। सभी चौखट, दरवाजे एवं खिड़कियां लकडिय़ों/शीशे के बने हुए होते हैं।
पूरा भवन वातानुकूलित होता है जिसमें अपनी इच्छा के अनुकूल तापमान नियंत्रण करने के लिए उपकरण अधिष्ठापित रहते हैं। सभी शौचालयों/स्नान गृह में पैरों को धोना थोड़ा मुश्किल काम होता है क्योंकि इसके लिए नल की व्यवस्था नहीं है। यहां तक शौच के बाद भी मल द्वार की सफाई के लिए ट्वायलेट पेपर का ही उपयोग करना होता है। सभी दीवारों को भीतर और बाहर से बेहतरीन ढंग से पेंटिंग किया हुआ रहता है।
बिजली एवं जलापूर्ति के सभी उपकरण उच्च गुणवत्ता के अनुरूप लगे होते हैं। एक उल्लेखनीय बात यह है बिजली के स्वीच को उपर उठाकर बिजली जलाना होता है जबकि नीचे गिराकर बिजली बुझाना होता है। रसोई घर में पाइपों से गैस की आपूर्ति की जाती है। बर्तन धोने एवं भोजन पकाने के लिए बेहतरीन उपकरण लगे होते हैं।
भूतल पर ही प्लिंथ से नीचे के तल पर 1/2/3 वाहनों की पार्किंग के लिए गराज का निर्माण किया हुआ होता है जिससे सड़क से चलकर वाहन सीधे प्रवेश कर जाते हैं। वाहन के भीतर से गराज के शटर को उठाने एवं गिराकर बन्द करने की व्यवस्था रहती है। गराज के भीतर ही चक्का लगा हुआ सड़ने वाले एवं नहीं सड़ने वाले कचरों को संग्रह करने के लिए दो बड़े-बड़े बिन रखे रहते हैं, जिसमें प्रतिदिन भवन के कमरों से कचरा जमा किया जाता है।
इस बिन को सप्ताह में एक दिन किसी कम्पनी की ओर से संग्रह किया जाता है। भवन के आगे करीब 20फुट की दूरी पर सड़क के समानांतर करीब 4फुट चौड़ा कंक्रीट का पाथ वे बना रहता है। पाथवे से आगे सड़क तक 5फुट चौड़ी जगह मे हरे-हरे दूब की तरह के घास लगे होते हैं।इसके अतिरिक्त भवन के आगे और पीछे समूचे खाली जगहों में हरे-हरे दूब की तरह के घास लगे होते हैं। हर भवन आगे करीब 10फुट की उंचाई कर लैंप पोस्ट लगा होता है।
उल्लेखनीय बात यह है कि किसी भी भवन के चारों ओर बाउंड्री वाल का निर्माण नहीं किया हुआ होता है। कुछ लोग जो कुत्ते पालते हैं, अपने घर के पिछवाड़े में फेंसिंग या प्लास्टिक की शीट का दीवार बनाते हैं। लोग अपने घरों को खूबसूरत फूलों के पौधे लगाते हैं। हर भवन का एक नम्बर होता है परन्तु यह क्रमानुसार नहीं होता है। हर घर के आगे 4फुट की ऊंचाई पर एक डाक का बक्सा लगा हुआ होता है। इस प्रकार हर भवन अपने आप में एक खूबसूरत घर होता है।

तालाब के किनारे हरे-हरे घास लगाए जाते,सडकों का नामकरण किया जाता

अमेरिका में जहां कहीं नई आवासीय कालोनियों का विकास करना होता है, वहां चिन्हित भूखंड के अनुसार उसमें सबसे पहले सड़कों एवं अन्य उपयोगी सेवाएँ यथा…बिजली आपूर्ति के केबल, जलापूर्ति, मल प्रणाली, जल निकासी, गैस पाइपलाइन, इन्टरनेट सेवाएं, टीवी केबल इत्यादि का निर्माण किया जाता है। इसके अतिरिक्त हर आवासीय कालोनी में जगह की उपलब्धता के अनुरूप अच्छी तरह से व्यवस्थित तालाब एवं सार्वजनिक उपयोग के लिए पार्क का निर्माण किया जाता है। पार्कों में पाथ वे तथा शेड का निर्माण कर शेड के अन्दर और बाहर बेंचों को लगाया जाता है। खाली स्थानों में दूब की तरह के हरे-हरे घास लगाये जाते हैं। समय-समय पर घास की छंटाई करायी जाती है, इन पर उर्वरकों को छीटा जाता है और स्प्रिंकलर से सिंचाई कराया जाता है।
तालाब के किनारे -किनारे भी इसी प्रकार हरे-हरे दूब की तरह के घास लगाए जाते हैं। सडकों का नामकरण किया जाता है। हर 4-5 घरों के अन्तराल पर सड़क और पाथ वे के बीच अग्नि शमन के लिए Fire Hydrant अधिष्ठापित किया जाता है। इतनी व्यवस्था हो जाने बाद कोई व्यक्ति प्लाट खरीद कर भवन निर्माण संबंधित प्राधिकरण की अनुमति से किसी एजेंसी के माध्यम से प्रारंभ करता है।
तीन से चार महीने के अन्दर भवन का निर्माण पूर्ण हो जाता है। इसी बीच संबंधित प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त कर विभिन्न उपयोगी सेवाओं से संयोजन प्राप्त किया जाता है।यहां यह उल्लेखनीय है कि कोई भी सेवा निःशुल्क नहीं होता है। इस प्रकार आवासीय कालोनियों में भवनों का निर्माण पूर्ण होता है और ऐसे नवनिर्मित भवनों में संबंधित परिवार आवासित होते हैं।

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