भारत सरकार की सख्ती के बाद WHO ने मानी गलती

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जेनेवा में है WHO का मुख्यालय

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में भारत में कोरोनावायरस के फैलाव की स्थिति को ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ बताने को लेकर सफाई दी है और अब कहा कि भारत में अभी ‘क्लस्टर ऑफ केसेज़’ ही हैं, लेकिन ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ नहीं हो रहा। 

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) लगातार विवादों का केन्द्र्विंदु बना हुआ है। WHO ने अपनी ‘सिचुएशन रिपोर्ट’ में भारत में कोरोनावायरस के फैलाव की स्थिति को ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ बताने को लेकर पुराने बयान से अब पल्ला झाड लिया है। NDTV से बातचीत में WHO ने कबूल किया कि उसकी रिपोर्ट में गलती हुई है, जिसे अब ठीक कर दिया गया है और भारत में ‘क्लस्टर ऑफ केसेज़’ है, लेकिन ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ फिलहाल नहीं है।
WHO रिपोर्ट में चीन के कॉलम में ‘क्लस्टर ऑफ केसेज़’ लिखा गया था और…
दुनियाभर में अब तक 16 लाख से ज़्यादा लोगों को महामारी की चपेट में ले चुके रोग COVID-19 के केसों के बाबत जारी की गई रिपोर्ट में चीन के कॉलम में ‘क्लस्टर ऑफ केसेज़’ लिखा गया था, जबकि भारत के कॉलम में बीमारी के फैलाव के स्तर को ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन’ बताया गया था।  इसके बाद भारत  सरकार ने सख्ती से इससे इनकार किया कि भारत में यह रोग तीसरे स्टेज, यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्तर पर है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन उस स्थिति को कहा जाता है, जब कोरोनावायरस के मामले बढ़ते चले जाएं और संक्रमण के स्रोत को तलाशना मुश्किल हो जाए।
फिर चीन की तऱफदारी करने का आरोप 
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन की तऱफदारी करने का आरोप लगाया है और कहा है कोरोना वायरस के मामले में उसने ताइवान की बातों को नज़रअंदाज़ किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह आरोप लगाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली फंडिंग रोकने की भी धमकी दी थी कि उसने वक़्त रहते दुनिया को इस ख़तरे से आगाह नहीं किया और लगातार चीन का बचाव भी किया है। अमेरिका हर साल डब्ल्यूएचओ को 400 डॉलर देता है।

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