चीन ने कोरोना मौत का आंकड़ा बदला तो अमेरिका ने जांच की बात कही, ब्रिटेन-फ्रांस ने भी अंगुली उठाई

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अधिकारियों के साथ। फोटो: ग्लोबल टाइम्स

कोरोना से चीन ने मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ाया तो उसे संदेह की नजर से देख रही दुनिया को भरोसा हो गया कि उसने इसमें भी खेल किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही इस मामले में चीन पर दोहरी चाल चलने का आरोप लगाते रहे हैं।

नई दिल्ली:कोविड-19 (कोरोना) मामलों के आंकड़े छिपाने को लेकर हो रही वैश्विक आलोचना के बीच चीन ने मृतकों की संख्या में शुक्रवार को बदलाव किया। चीन ने कोरोना के उत्पत्ति केंद्र वुहान में मृतकों की संख्या में अचानक 1,290 का इजाफा किया, जिससे चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 4,632 हो गई। वुहान नगर निगम मुख्यालय ने कोविड-19 मौतों की संख्या को संशोधित किया।
कोरोना मामलों की संख्या और इसकी गंभीरता को कथित तौर पर छिपाने को लेकर अमेरिका और अन्य राष्ट्रों द्वारा चीन की तीखी आलोचना के बीच आंकड़ों में यह संशोधन किया गया है। पिछले दिसंबर में वुहान शहर से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था। चीन का दावा है कि यह वुहान के स्थानीय हुनान सी फूड मार्केट से फैला। चीन में तबाही मचाने के बाद अब यह संक्रमण दुनियाभर में फैल चुका है। चीन ने माना है कि कई मामलों में मौत का कारण जानने में गलती हुई या कई मामलों का पता ही नहीं चल पाया।
कोरोना से चीन ने मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ाया तो उसे संदेह की नजर से देख रही दुनिया को भरोसा हो गया कि उसने इसमें भी खेल किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस मामले में चीन पर दोहरी चाल चलने का आरोप लगाते रहे हैं। चीन की ओर से नए आंकड़े बताने पर ब्रिटेन और फ्रांस ने भी आंखें तरेरी है। 
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने कहा है कि कोरोना की त्रासदी का असर ब्रिटेन और चीन के संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, संकट से उबरने के बाद चीन के साथ व्यापार सामान्य नहीं होगा।
इधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी चीन की चालाकी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मानना बेवकूफी होगी कि चीन ने बेहतर ढंग से इस महामारी का सामना किया। सच यह है कि बहुत सी बातें ऐसी हैं जिनके बारे में किसी को नहीं पता है। 
फ्रांस में चीन के राजदूत को पेरिस तलब किया गया। दूतावास की वेबसाइट पर एक प्रकाशित लेख को लेकर नाराजगी जताई जिसमें लिखा गया था कि यूरोप में बुजुर्गों को केयर होम में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। सीनेटरों के एक समूह ने ट्रंप से कहा कि वह कोरा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दुरुपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय जांच कराएं।
पर चीन ने उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिनमें चीन पर कोरोनावायरस के प्रकोप और मृतकों की सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगा था। साथ ही अमेरिका द्वारा WHO के साथ अच्छे रिश्तों के आरोपों पर ऐतराज जताया। 
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने स्वीकार किया कि चीन में यह खतरनाक वायरस तेजी से फैला लेकिन हम कई जगह पर इसके फैलने की सही जानकारी नहीं लगा पाए, जिसकी वजह से चीन में मृतकों की संख्या बढ़ी लेकिन उन्होंने साफ किया कि चीन द्वारा कोई जानकारी छिपाई नहीं गई है। झाओ ने बीजिंग में कहा कि यह आरोप लगाना कि चीन का WHO के साथ सांठगांठ है यह सिर्फ बदनाम करने की कोशिश है। 

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