कोरोना से फौज भी तीन तरह से लड़ रही, 3 कैटेगरी बनाई

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सेना के जवानों में कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए ये तीन कैटेगरी बनाई गई है जिनमें – ग्रीन कैटेगरी में वो जवान आएंगे जिन्होंने 14 दिन का क्वॉरंटीन पीरियड पूरा कर लिया हो। 

विशेष संवाददाता/नई दिल्ली
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते देशभर में लॉकडाउन बढ़ाया जा चुका है। इस बीच ऐसे इलाकों की पहचान की जा रही है जहां कोरोना के मरीज मिल सकते हैं ताकि उन्हें हॉटस्पॉट घोषित करना आसान हो। इसी तरह भारतीय सेना
भी हर तरह से सतर्क है। सेना की तरफ से बताया गया कि जवानों को अब ग्रीन, येलो और रेड कैटेगरी में बांट दिया गया है ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण से फौज आसानी से निपट सके।
सेना के जवानों में कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए ये तीन कैटेगरी बनाई गई है जिनमें – ग्रीन कैटेगरी में वो जवान आएंगे जिन्होंने 14 दिन का क्वॉरंटीन पीरियड पूरा कर लिया हो। यानी जो पूरी तरह से सेफ हों। इसके बाद येलो कैटेगरी में उन्हें रखा गया है, जिन्हें 14 दिन के क्वॉरंटीन में रखने की जरूरत है। वहीं जिन जवानों में कोरोना जैसे कोई लक्षण हों या फिर उन्हें आइसोलेशन के लिए कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया हो उन्हें रेड कैटेगरी में रखा गया है।
भारतीय सेना अपनी तैयारी को इसलिए मजबूत कर रही है कि  सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि सरहद पर दुश्मनों से भी लड़ना है। इसीलिए दो मोर्चों पर लड़ रही सेना के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। जो जवान छुट्टी पर गए हैं या फिर किसी तरह का कोर्स करने के लिए यूनिट से बाहर गए हैं, उन्हें अब धीरे-धीरे वापस बुला लिया जाएगा। रिपोर्ट करने के बाद उनकी जांच होगी और उन्हें क्वॉरंटीन किया जाएगा। जिसके बाद जवान अपनी-अपनी यूनिट में वापस जा सकते हैं।
ये 5 राज्य भी राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को निकालेंगे: इस बीच, उत्तर प्रदेश के बाद पांच अन्य राज्यों ने राजस्थान के कोटा (Kota) में फंसे अपने छात्रों को बाहर निकालने का फैसला लिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मंगलवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और असम कोटा में फंसे अपने छात्रों वापस लाने की व्यवस्था कर रहे हैं.

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