अब लो बजट और दीर्घकालिक हाउसिंग की डिमांड बढ़ेगी: अनिता पाल, आर्किटेक्ट

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लॉकडाउन आया तो दुखी होने के बजाय इस कालखंड को भी मैंने जीना सीखा; अनिता पाल, आर्किटेक्ट 

मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ? मुझे जीने के लिए एक पर एक 15 ऑपरेशन क्यों कराने पड़े? यह सवाल जब एक बार अपने पिता से पूछा तो वे रोने लगे। तभी मैंने तय किया कि अब मैं कभी पिता से यह सवाल कर उन्हें कभी दुखी नहीं करूंगी। मेरी  ज़िंदगी में 25 साल पहले जो लॉकडाउन आया उससे दुखी होने के बजाय उससे लड़ना सीखा। इसलिए इस बार करोना  के कारण जब लॉकडाउन आया तो दुखी होने के बजाय इस कालखंड को भी जीना सीखा। इस दौरान अनिता ने अपने घर का नक्शा ही बदल दिया। यह उद्गार नोएडा शहर में बसी अनिता पाल ऐंड एसोसिएट्स की हेड और आर्किटेक्ट अनिता पाल का है।

राय तपन भारती/नोएडा

खबर-इंडिया: लॉकडाउन में आपका अनुभव कैसा रहा? 

आर्किटेक्ट अनिता पाल Noida city की अपनी एक कन्स्ट्र्क्सन साइट पर सुबह-सुबह

अनिता पाल: आजकल लॉकडाउन में लोगों को अचानक अपने घरों में कैद हो जाना पड़ा। हममे से बहुत सारे लोग परेशान हो रहे हैं, वे फ़्र्स्टेटेड हैं और उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि वे अपने मन के अनुसार काम नहीं कर पा रहे हैं। वे घर से बाहर नहीं जा पा रहे, अपने रूटीन के काम नहीं कर पा रहे हैं। वे बाहर घूमने नहीं जा पा रहे हैं, बिजनेस नहीं देख पा रहे हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, वे सब अपने दोस्तों से मिलने नहीं जा पा रहे हैं। पर आप सबके अनुभव के विपरीत लॉकडाउन का मेरा अनुभव एकदम अलग है। मैं इस सिचुएसन में बिल्कुल डिस्टर्ब नहीं हूँ। इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है। मैंने अपनी जिंदगी की अब तक जो यात्रा की है उससे बहुत कुछ सीखा है। जिंदगी में कभी कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिसकि कल्पना लोग सपने में भी नहीं करते हैं। लॉकडाउन का अनुभव मैंने आज से 25 साल पहले किया था जब अनेक ऑपरेशन से मुझे गुजरना पड़ा। तब महीनों अपने घर में कैद होकर रहना पड़ा। उस लॉकडाउन ने मुझे अंदर से बहुत मजबूत कर दिया जिसकी वजह से आज भी मैं अपने को सशक्त महसूस करती हूँ।

खबर-इंडिया: 20 मार्च से जब अचानक लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो आप फिजिकल चैलेंज के साथ आपने इस वक्त को कैसे जीया? 

अनिता पाल ने अपने घर को इस तरह से सजा रखा है

अनिता पाललॉकडाउन के इस भयावह संकट का अंदाजा हमे पहले से एकदम नहीं था। महामारी का ऐसा संकट तो मेरे माता-पिता ने भी कभी नहीं देखा था। मेरे साथ 25 साल से फिजिकल चैलेंज की भी चुनौती रही है, इसलिए 46 साल में मैंने चुनौतियों का सामना करना सीख लिया। इसलिए इस लॉकडाउन को लेकर बहुत तनाव नहीं झेला जैसा कि अन्य लोगों को महसूस हुआ।

खबर-इंडिया: लॉकडाउन के इस भयावह संकट में लोगों को अपने बच्चों के साथ अपार्टमेंट या इंडेंपेंडेंट घरों  में रहना पड़ रहा है ऐसे में अब किस तरह के फ्लैट की डिमांड होगी?   

अनिता पालअब दीघकालिक और इको फ्रेंडली होम बनाने पर मेरा अधिक ज़ोर रहेगा। मुझे भरोसा है कि हमारे क्लाईंट को हमारा यह आइडिया पसंद आएगा।  आने वाले दिनों में लो बजट होम खूब बनेंगे इसलिए इस सेक्टर का भविष्य उज्जवल होगा।अब लोगों को मैं विलासिता वाले आइटम की जगह दीर्घकालिक और इको फ्रेंडली आवास बनाने का सुझाव दूँगी। मुझे खुद लॉकडाउन में अपने घर की सुंदरता का एहसास हुआ। इसलिए मैं तो अपने क्लांईंट को यही सलाह दूँगी कि वे अपने घरों में पोजिटिविटी पर अधिक ध्यान दें।

खबर-इंडिया: लॉकडाउन के चौथे चरण में अनेक राज्यों में कंस्ट्रक्शन की इजाजत मिल गई है, मौजूदा माहौल में आप नोएडा में कंस्ट्रक्शन में किस तरह की हिदायत बिल्डिंग कांट्रेक्टर को देंगी? 

अनिता पाल: मुझे यह बताते हुई खुशी हो रही है कि लॉकडाउन के पहले 2-3 साल से होम डिजाइनिंग की मेरी कंसल्टेन्सी अच्छी चल रही थी। पिछले 17 साल से मैं नोएडा में हाउसिंग डिजायनिंग का काम कर रही हूँ और एनसीआर में 300 से भी अधिक बिल्डिंग प्रोजेक्ट को पूरा किया। एक बात कहना चाहूंगी कि नोएडा ने मुझे काम दिया, नाम दिया, सम्मान दिया, एक विशेष पहचान दी। इसलिए मुझे इस पर गर्व महसूस होता है। मैंने लॉकडाउन के बाद कंस्ट्रक्शन में बिल्डिंग कांट्रैक्टर को इस तरह की हिदायत दूँगी कि हमारे क्लाइंट का काम भी होता रहे और किसी मजदूर या डिजाइनिंग स्टाफ को कोरोना महामारी का शिकार न होना पड़े।

खबर-इंडिया: लिमिटेशन के साथ लोगों को कैसे जीना चाहिए?  

अनिता पाल: बदलती लाइफस्टाइल पर भी मेरी नज़र हमेशा रही है पर मैं जिंदगी में लिमिटेशन के साथ जीना जानती हूँ इसलिए लॉकडाउन के लगते ही मैं जिंदगी के प्रति सतर्क हो गई। आर्टिटेक्ट और डिजाइनिंग कंसलटेंसी की प्रैक्टिस करने के कारण मेरे साथ 5 लोगों की स्टाफ टीम भी है पर मैंने उन्हें उनको घर पर ही बिजी कर दिया। नए आर्डर नहीं आने पर भी अपनी सेविंग से उन्हें जीने के लिए पैसे दिये। उन्हें लॉकडाउन के दौरान हाउसिंग डिजाइनिंग में नई बातें सीखने की हिदायत दी। मैं संतुष्ट हूँ कि मेरे सभी स्टाफ नेट से नई ट्रेनिंग ले रहीं हैं। इसके लिए उन्हें मैंने लैपटॉप भी दिया। जाहिर है कि इससे हमारी डिजाइनिंग और बिल्डिंग के निर्माण कारी में निखार आएगा।

खबर-इंडिया: क्या कोरोना संकट से लॉकडाउन के कारण आई महामंदी से देश का रियल एस्टेट उबर पाएगा?

अनिता पाल: इसके पहले भी 5 साल पहले मैंने मंदी में भी हाउसिंग डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्सन का अच्छा काम किया। कोरोना संकट के बाद का जो काल खंड होगा वह बिजनेस को नया मोड देगा। मेरा अनुमान है कि नए आर्थिक माहौल में लो बजट, टिकाऊ और दीर्घकालिक घरों की डिमांड बढ़ेगी। एक और अच्छी बात यह देख रही हूँ कि भारतीय रिजर्व बैंक लगातार लोन की ब्याज दर घटा रहा है, इसलिए सस्ते लोन के कारण रियल एस्टेट में डिमांड खूब बढ़ेगी। तब हम जैसे हाउसिंग कंसल्टेंट और डिजायनर को काम मिलता रहेगा।

आर्टिटेक्ट अनिता पाल का जीवन-परिचय

She did her B. ARCH from Asia’s most prestigious Institute, SPA, School of Planning & Architecture near ITO in DELHI. In 1998 and soon after she got an opportunity to design a Bungalow in NOIDA.   

With her Creative Mind and planning, it took shape so Beautifully, that even before its completion she started getting projects regularly which is keeping her busy till Today. With more than 300 projects already completed by her, she is thriving well in the artistic and creative world of Architecture.

Contact to Architect Anita Pal, Please call on: 9990677799

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