अमेरिकी कॉलेजों में एडमिशन भारत से एकदम अलग

0
704

अमेरिकी यात्रा संस्मरण-7

पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बडी़ संख्या में भारतीय और चीनी बच्चों सहित विदेशी छात्र Graduate Record Examination (GRE) की परीक्षा देकर अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में नामांकन कराते हैं।

रामसुंदर द्सौंधी/शैंपेन शहर, इलोनाइस राज्य, USA

अमेरिका ही नहीं भारत में भी 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों को यूनिवर्सिटी एजुकेशन के लिए एडमिशन एक बड़ी समस्या होती है। परन्तु अमेरिका में लोग 10वीं के पहले से ही यूनिवर्सिटी में नामांकन के लिए तैयारी शुरू कर देते हैं। यहाँ अंडरग्रेजुएट के सभी पाठ्यक्रम 4वर्षों के होते हैं। इंजीनियरिंग समेत अनेक विषयों के पाठ्यक्रम विभिन्न विश्वविद्यालय में अंडरग्रैजुएट में पढ़ाये जाते हैं,परंतु मेडिकल और ला पोस्ट ग्रेजुएट में ही पढ़ाये जाते हैं।
एडमिशन केवल प्राप्त अंकों के प्रतिशत के आधार पर ही नहीं होता है। इसके लिए और भी महत्वपूर्ण विचारणीय तथ्य हुआ करते हैं। इसमें पहला है…. विद्यार्थी का प्रोफाइल जिसमें उसका Extra Curricular Activities जैसे स्पोर्ट्स/ नृत्य कला/गायन/फाईन आर्ट्स/सामुदायिक कार्य में उल्लेखनीय योगदान अंकित हो।दूसरा है..पिछले संस्थान की ओर से अनुशंसा पत्र (Letter of Recommendation) तीसरा है…वर्ग 9से 12 तक की परीक्षाओं का अंक पत्र। चौथा होता है… दिए गये विषय पर लेख (Essay) सहित आवेदन पत्र। पांचवां है ……SAT (Scholastic Aptitude Test) में विद्यार्थी का स्कोर। (संप्रति यह परीक्षा 120 अंकों की होती है और साल में 6बार आयोजित होती है) भारतीय या अन्य देशों के विद्यार्थियों को अंग्रेजी के ज्ञान की जांच के लिए Toefl की परीक्षा में भी उत्तीर्ण होना जरूरी होता है। विश्वविद्यालयों में एडमिशन का कोई कट ऑफ मार्क्स नहीं होता है। 70 से 75% अंक वालों का भी एडमिशन हो जाता है यदि Extra Curricular activities एवं letter of Recommendation अच्छा होता है।
सभी विश्वविद्यालयों में सीटों का कोटा क्षेत्रवार निर्धारित रहता है।
अमेरिका में पब्लिक एवं प्राइवेट दोनों तरह के विश्वविद्यालय हैं। पब्लिक यानी सरकारी विश्वविद्यालयों में इलोनाइस, मिशिगन, कैलीफोर्निया, ओहायो, जोर्जिया, वर्जीनिया, टेक्सास, वाशिंगटन, फ्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया, मेरीलैंड, इंडियाना, एरिजोना, अल्बामा इत्यादि प्रमुख हैं। उसी प्रकार प्राइवेट विश्वविद्यालयों में हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, कोलंबिया (न्यू यार्क), प्रिन्सटौन, मेसाचुसेट्स, येल, कारनेल, कैलिफोर्निया, शिकागो, ब्राउन, न्यू यार्क, ड्यूक आदि प्रमुख हैं।
आठ प्रमुख विश्वविद्यालयों के समूह को Ivy league में शामिल किया गया है। ये विश्वविद्यालय बहुत पुराने हैं तथा इनका शैक्षिणिक गुणवत्ता एवं सामाजिक प्रतिष्ठा उच्च स्तर की है। इनके नाम हैं…. हार्वर्ड, येल, प्रिन्सटौन, कोलंबिया(न्यू यार्क), डार्टमाउथ, कोरनेल, ब्राउन एवं पेंन्सिलवानिया (Pennsylvania). Ivy league के सभी विश्वविद्यालय 1636 से1865 के बीच स्थापित हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की पहली पसंद हैं।
विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक शुल्क भी अलग-अलग क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग है। अभी-अभी न्यू जर्सी से 12वीं उत्तीर्ण (99%) भारतीय मूल की एक लड़की का नामांकन इलोनाइस यूनिवर्सिटी (पब्लिक यूनिवर्सिटी) के केमिकल एवं बायो मोलेकुलर इंजीनियरिंग के 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में हुआ है। इस लड़की का नृत्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। पहले सेमेस्टर के लिए 52,000 डालर (करीब 35 लाख रुपये) शुल्क का भुगतान किया गया है। परंतु यदि यही लड़की शैंपेन से 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त की रहती तो इसे 25,000डालर (करीब 16.90 लाख रुपए) ही शुल्क लगता। भारत के किसी संस्थान से 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी को भी करीब 55,000 डालर (करीब 37लाख रूपये) प्रति सेमेस्टर लगता।
अल्प आय वर्गीय माता-पिता के अति मेधावी बच्चों को विश्वविद्यालय की ओर से स्कालरशिप प्रदान की जाती है जो शुल्क में माता-पिता की आय और विद्यार्थी की मेधा के समानुपातिक होता है।
पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बडी़ संख्या में भारतीय और चीनी बच्चों सहित विदेशी छात्र GRE (Graduate Record Examination) की परीक्षा देकर अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में नामांकन कराते हैं। ऐसे पाठ्यक्रमों के शुल्क विश्वविद्यालयों के स्तर के अनुरूप होता है। Ivy league के कोलंबिया विश्वविद्यालय के डेढ़ वर्षीय इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में एक भारतीय लड़की को 66000डालर (करीब 45लाख रुपये) का शुल्क भुगतान करना पड़ा था जबकि कुछ अन्य विश्वविद्यालय में 35000डालर(करीब 24लाख रुपए)ही भुगतान करना पड़ा है।
मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए अमेरिका के न्यूनतम किसी दो विश्वविद्यालय के अस्पताल में कम से कम एक -एक महीने का एलेक्टिव किया हुआ होना आवश्यक है। भारतीय विद्यार्थियों के लिए यह इलेक्टिव भारत में उनके इन्टर्नशिप अवधि के बीच ही होना चाहिए। इसके लिए भी अमेरिकी यूनिवर्सिटी फीस लेती है।अभी हाल ही में याले यूनिवर्सिटी में चयनित एक विद्यार्थी को दो महीने के इलेक्टिव के लिए 7,500 डालर (करीब 5 लाख रूपये) और अलबामा यूनिवर्सिटी में एक महीने के इलेक्टिव के लिए 5,000डालर (करीब 3.35 लाख रुपए) शुल्क का भुगतान करना पड़ा है।
अन्डर ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन परीक्षा में उत्तीर्णता के पश्चात विश्वविद्यालय की ओर से भव्य ग्रेजुएशन समारोह का आयोजन किया जाता है जिससे विद्यार्थियों के माता-पिता की उपस्थिति में उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
इस प्रकार अमेरिका के विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है परंतु इसका शुल्क भी अत्यधिक है। परन्तु ऐसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के फलस्वरूप उच्च स्तरीय नियोजन की संभावना प्रबल हो जात है।
(अगली किश्त का इंतजार करेेें)

Comments on Facebook group:

Dharmendra Sharma: शुक्रिया सर … विस्तृत जानकारी … !!
 
Mahendra Pratap Bhatt बहुत उपयोगी और शानदार पोस्ट। सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ हम सभी को आप से सीखने की जरूरत है। एडमिन टीम से पुनः अनुरोध है कि इस सीरीज़ को निश्चित अंतराल पर बार बार प्रकाशित करें। यह लेख नहीं उपयोगी दस्तावेज है।
 
Pramila Sharma ज्ञानवर्धक लेख के लिए बधाई और धन्यवाद
 
Roy Tapan Bharati: आपका यह लेख पढकर लगा कि अमेरिका की उच्च शिक्षा में एडमिशन का सिस्टम सही है। पत्रकारिता में मैंने अनुभव किया कि मास कम्प्यूनिकेशन की उच्च शिक्षा वाले बहुतेरे पत्रकारिता में लिखना नहीं सीख सके पर साधारण ग्रेजुएट अभ्यास से अच्छा पत्रकार बन गये।
 
Tuhin Kumar : आपके इस आलेख में तीन बातें मुख्यतया अत्यधिक श्रेयष्कर लगी भारतीय शिक्षा प्रणाली की तुलना में।पहली यह कि अमेरिका में विद्यार्थियों की अतिरिक्त कला एवं उपलब्धियों को विशेष तरजीह दी जाती है।दूसरी स्नातक के पश्चात वहां कानून एवं चिकित्सा की पढ़ाई आरम्भ होती है।तीसरी प्राप्तांक का प्रतिशत उतना मायनें नही रखता ।लेकिन फीस ज्यादा है।सत्र समयानुसार है या नहीं।क्या आई आई टी की पढ़ाई उमदा नहीं है वहां।अमेरिका की उच्च शिक्षा व्यवस्था की सटीक जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
Ram Sundar Dasaundhi धन्यवाद।सत्र बिल्कुल समयानुसार रहा करता है।आई.आई.टी.(Indian Institute of Technology) तो भारत में है, यहां नहीं।
 
Tuhin Kumar दरअसल मुझे आपसे अमेरिका के आई टी के बारे में पूछना थ।मुद्रण में त्रुटि हुई थी।
 
Rama Shankar Rai ज्ञान वर्धन के लिए शुक्रिया । मेरा छोटा लड़का NIT रायपुर से B Arch की पढ़ाई किया हुआ है और अमेरिका के किसी अच्छी यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री के लिए प्रयासरत है । GRE मे उसके अच्छे अंक आए हैं । अंग्रेजी का इमतहान अभी बाकी है । उसके एकेडमिक रिकार्ड भी अच्छे हैं । वह चाहता है की स्कालरशिप के साथ ही अमेरिका में पढ़ाई करे । आशा है आप की सलाह उसके काम आएगी ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here