बुधवार सुबह लक्कड़ मंडी के आढ़तियों ने मंडौली में चल रही लक्कड़ मंडी में सुविधाएं नहीं मिलने से लकड़ी की खरीद बंद कर दी थी। लकड़ी से भरी 700 से ज्यादा ट्रालियां मंडी की बजाय सहारनपुर नेशनल हाइवे पर खड़ी हो गई थी। बाद में अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर मामला शांत करवा दिया था। परंतु बृहस्पतिवार सुबह जब किसान अपनी लकड़ी लेकर मंडी में पहुंचे तो आढ़तियों ने लकड़ी की खरीद का विरोध किया। उन्होंने लकड़ी खरीदने से साफ मना कर दिया। आढ़तियों को देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। काफी देर तक हंगामा होता रहा। आढ़तियों का कहना है कि प्रशासन ने मंडौली में आनन फानन में लक्कड़ मंडी को शिफ्ट कर दिया है। परंतु यहां पर आढ़तियों व किसानों के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं है। आढ़तियों को धूप में खड़े होकर अपना कारोबार करना पड़ रहा है। इतनी चिलचिलाती गर्मी में वे काम कैसे करेंगे। इसलिए प्रशासन को चाहिए जब तक यहां पर सभी सुविधाएं नहीं दी जाती तब तक मंडी को हाइवे पर ही चलने दिया जाए।
शाम को डीसी से मिले आढ़ती :
दोपहर बाद प्लाइवुड, आढ़ती व पी¨लग एसोसिएशन के पदाधिकारी सचिवालय में डीसी आरएस खरब से मिलने के लिए पहुंचे। यहां पर उनके साथ काफी देर तक बातचीत हुई। डीसी ने आढ़तियों से कहा कि वह नियमों की अवहेलना न करे। क्योंकि लक्कड़ मंडी में नियमानुसार ही लकड़ी की खरीद हो रही है। मंडी में ही लकड़ी की खरीद होगी तो आमजन से लेकर सभी को फायदा होगा। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी। इसलिए सभी इसमें सहयोग करें। हाइवे पर मंडी चलने से हादसे होते हैं। सारा दिन हाइवे पर जाम लगा रहता है। आढ़तियों का आढ़त का जो मुद्दा है वे उसे प्लाइवुड फैक्टरी संचालकों के साथ मिलकर सुलझाएं।
आज मंडी में होगी बैठक : लकड़ी पर ली जाने वाली आढ़त को लेकर आज शाम लक्कड़ मंडी मंडौली में मी¨टग होगी। इस मी¨टग में लक्कड़ मंडी के आढ़ती, फैक्टरी संचालक व मार्केट कमेटी के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। आढ़तियों का आरोप है कि प्लाइवुड फैक्टरी संचालक लकड़ी पर चार प्रतिशत आढ़त ले रहे हैं। लेकिन आढ़तियों को इसमें से दो प्रतिशत ही दी जा रही है। उनका हिस्सा जब फैक्टरी संचालक रख लेंगे तो उन्हें क्या बचेगा। जबकि वे सुबह पांच बजे ही मंडी में पहुंच जाते हैं। इसलिए उन्हें चार प्रतिशत आढ़त दी जाए या फिर ट्राली के हिसाब से लमसम आढ़त दी जाए।
हर दिन आती हैं 700 से ज्यादा ट्राली : मंडौली में चलने वाली लक्कड़ मंडी पहले सहारनपुर नेशनल हाइवे पर चलती थी। परंतु कुछ दिन पहले प्रशासन ने इस मंडी को मंडौली में अस्थायी तौर पर शिफ्ट कर दिया है। मंडी में एक दिन में 700 से ज्यादा ट्रालियों में लकड़ी पहुंचती है। यदि आढ़तियों व फैक्टरी संचालकों में आढ़त को लेकर सहमती नहीं बनती तो सारी लकड़ी फिर से हाइवे पर आ सकती है।